जयपुर। जल जीवन मिशन (जेजेएम) अन्तर्गत राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) की बैठक अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) सुधांश पंत की अध्यक्षता में वीडियो कॉफ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से आयोजित की गई। बैठक में इंदिरा गांधी नहर परियोजना (आईजीएनपी) की मेन कैनाल क्षेत्र में 1274.26 करोड़ रुपये की लागत से चार ‘एस्कैप रिजर्वायर्स’ बनाने के संदर्भ में पूर्व में फाइल पर दी गई स्वीकृति के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
एसीएस सुधांश पंत ने बताया कि बैठक में प्रदेश में रेग्यूलर विंग और मेजर प्रोजेक्ट्स में जेजेएम की 153 नई परियोजनाओं के तहत 798 गांवों में 1192.16 करोड़ रुपये की लागत से एक लाख 57 हजार 652 ‘हर घर नल कनेक्शन’ की भी स्वीकृति दी गई। उन्होंने बताया कि आज की बैठक के साथ ही अब प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 76 लाख से अधिक परिवारों को ‘हर घर नल कनेक्शन’ की स्वीकृतियां जारी की जा चुकी है।
रिजर्वायर्स से 6707 गांवों में 20 लाख 87 हजार से अधिक परिवारों को फायदा : एसीएस सुधांश पंत ने बताया कि आईजीएनपी क्षेत्र में चार एस्केप रिजर्वायर्स के निर्माण के प्रस्ताव के पर गत माह नई दिल्ली में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री तथा प्रदेश के जलदाय मंत्री के बीच हुई बैठक में चर्चा के बाद सहमति जताई गई थी, इसके बाद इसका फाईल पर मंजूरी दी गई थी। एसएलएसएससी की बैठक में इस संबंध में एजेंडा प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। ये एस्केप रिजर्वायर्स बीकानेर जिले में सत्तासर के पास 507 आरडी और गजनेर लिफ्ट परियोजना के समीप 750 आरडी तथा जैसलमेर में 1356 आरडी तथा जोधपुर में 1121 आरडी के पास बनाए जाएंगे। इन एक्कैप रिजवायर्स के बनने से जल जीवन मिशन के तहत 43 वृहद पेयजल परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त पानी की उपलब्ध हो सकेगा। इससे क्षेत्र के 6 हजार 707 गांवों में 20 लाख 87 हजार से अधिक परिवारों को फायदा होगा। उन्होंने बताया कि रिजर्वायर्स के निर्माण के स्थानों पर सरकारी भूमि उपलब्ध है, इससे भूमि अधिग्रहण के लिए लगने वाली बड़ी राशि और समय की भी बचत होगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में आईजीएनपी सिस्टम में जलदाय विभाग को पेयजल के लिए 1031 क्यूसेक पानी आवंटित है, जबकि आवश्यकता 1100 क्यूसेक पानी की है। आईजीएनपी क्षेत्र में बनने वाले इन रिजर्वायर्स में जलदाय विभाग द्वारा आईजीएनपी मुख्य नहर में वर्षा के सीजन में बहने वाले सरप्लस वाटर में से करीब 300 क्यूसेक अतिरिक्त पानी का स्टोरेज किया जा सकेगा। इनका निर्माण जल संसाधन विभाग द्वारा डिपॉजिट वर्क्स के तहत कराया जाएगा।
एसीएस ने बताया कि बैठक में रेग्यूलर विंग के तहत प्रदेश के 14 जिलों के 402 गांवों में 150 सिंगल एवं मल्टीविलेज परियोजनाओं में 319.74 करोड़ रुपये की लागत से 58 हजार 949 ‘हर घर नल कनेक्शन’ की मंजूरी दी गई। इसमें बारां में 19 गांवों की एक योजना में 38.57 करोड़ की लागत से 4 हजार 483, बाड़मेर में 6 गांवों की 6 योजनाओं में 4.68 करोड़ की लागत से 291, बीकानेर में 4 गांवों की 2 योजनाओं में 4.22 करोड़ की लागत से 696, दौसा में 13 गांवों की 9 योजनाओं में 19.38 करोड़ की लागत से 3 हजार 303, हनुमानगढ़ में 10 गांवों की 3 योजनाओं में 13-14 करोड़ की लागत से 1432, जयपुर में 13 गांवों की 13 योजनाओं में 15.10 करोड़ की लागत से 2 हजार 924, करौली में 3 गांवों की एक योजना में 2.03 करोड़ की लागत से 303, पाली में 6 गांवों की 2 योजनाओं में 5.97 करोड की लागत से 1499 तथा सवाईमाधोपुर के एक गांव की एक योजना में 53.7 लाख रुपये की लागत से 115 ‘हर घर नल कनेक्शन’ दिए जाएंगे। इसी प्रकार अन्य प्रस्तावों में जोधपुर में 87 गांवों की 14 योजनाओं में 63 करोड की लागत से 14 हजार 636, बा?मेर में 7 गांवों की एक योजना में 13.74 करोड़ की लागत से 1581, भरतपुर में 17 गांवों की 17 योजनाओं में 21.39 करोड़ की लागत से 4 हजार 413, चितौडग़ढ़ में 10 गांवों की 9 योजनाओं में 13.72 करोड़ की लागत से 2 हजार 801, श्रीगंगानगर में 142 गांवों की 49 योजनाओं में 86.05 करो? की लागत से 13 हजार 721, राजसमंद में 11 गांवों की 3 योजनाओं में 6.72 करोड़ की लागत से 1205 तथा सवाईमाधोपुर में 23 गांवों की 19 योजनाओं में 25.42 करो? की लागत से 5 हजार 546 ‘हर घर नल कनेक्शन’ की स्वीकृति प्रदान की गई।
आईजीएनपी क्षेत्र में 1274.26 करोड़ की लागत से चार ‘एस्कैप रिजर्वायर्स’ के प्रस्ताव का अनुमोदन
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