बिजनेस रेमेडीज़/उदयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर संभाग मुख्यालय स्थित आएनटी मेडिकल कॉलेज में विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाओं व टेलिमेडिसीन सुविधाओं के लोकार्पण के साथ अत्याधुनिक वार्ड निर्माण का शिलान्यास कर उदयपुरवासियों को ऐतिहासिक सौगात दी।
मुख्यमंत्री ने 21 करोड़ 99 लाख 50 हजार रूपए के 6 विभिन्न जनकल्याणकारी कार्यों का लोकार्पण एवं 12 करोड़ रूपए की लागत के 1 कार्य का शिलान्यास किया। इसमें 15 करोड़ 26 लाख 50 हजार की लागत वाली अत्याधुनिक 3.0 टेसला एमआरआई मशीन, 2 करोड़ रूपए की लागत से महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय में ऑटोप्सी ब्लॉक निर्माण, महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय में 2.8 करोड़ रूपए की लागत से 100 बेडेड पीआईसीयू, 1.44 करोड़ की लागत से 50 बेडेड आईसीयू, 50 लाख रूपए की लागत से सैटेलाइट हॉस्पिटल हिरन मगरी उदयपुर में लेबोरेटरी एवं वार्ड निर्माण, हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड की ओर से छह खनन क्षेत्रों में टेलिमेडिसिन सुविधाओं की शुरूआत आदि कार्यों का लोकार्पण किया। वहीं इसके साथ ही 12 करोड़ रूपए की लागत से महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय में 200 बेडेड प्रि-फेब्रिकेटेड स्ट्रक्चर वार्ड निर्माण कार्य का शिलान्यास किया।
बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देना है सरकार का मकसद : गहलोत ने विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास करने के बाद आरएनटी के सभागार में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार हर तबके के सर्वांगीण विकास के लिए तत्पर है और जरूरतमंद व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नि:शुल्क मिले इसके लिए तकनीकी नवाचारों के साथ सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। उन्होंने आरएनटी में हुए विकास कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश के तमाम मेडिकल कॉलेज में भी इसी तरह के विकाय कार्य करवाएं जाएंगे।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कोरोना काल में चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा पूर्ण समर्पण के साथ दी गई सेवा के लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं है, जिससे उनका धन्यवाद जाहिर कर सकूं। उन्होंने कहा कि सभी स्वास्थ्य कर्मियों ने कोरोना के उस दौर में जब पहली लहर में खतरा सबसे अधिक था और मरीज के परिजन भी पास आने से घबरा रहे थे, उस दौर में निर्भीक होकर नि:स्वार्थ भाव से जो सेवा कार्य किया हैए वह सम्मान योग्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की तीनों लहरों में प्रदेश को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने अपनी महती भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कोरोना अभी गया नहीं है। हमें आज भी जागरूक रहने की जरूरत है।
जनजाति विद्यार्थियों को मिलेगी नर्सिंग की नि:शुल्क ट्रेनिंग : समारोह के दौरान जनजाति क्षेत्र के विद्यार्थियों को नर्सिंग का नि:शुल्क प्रशिक्षण उपलब्ध कराने की मांग पर मुख्यमंत्री ने जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के आयुक्त राजेन्द्र भट्ट से चर्चा कर कहा कि इस सत्र में और अगले सत्र में जनजाति विद्यार्थियों को नर्सिंग की नि:शुल्क ट्रेनिंग दी जाएगी। मुख्यमंत्री की इस घोषणा का मौजूद नर्सिंगकर्मियों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया।