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अर्थव्यवस्था को उच्च स्तर पर लाने के लिए कारोबारी किस तरह से निभाएं भागेदारी?

by Business Remedies
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बिजनेस रेमेडीज/जयपुर। देश में पिछले दो वर्षों से कोरोना महामारी और उसके बाद रूस-यूक्रेन युद्ध से अर्थव्यवस्था लडख़ड़ा गई है। ऐसे में उद्यमियों का फर्ज बनता है कि वह पुन: देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के वाक्य को परिणीत कर अपने व्यवसाय में उतारे, जिससे देश की अर्थव्यवस्था अन्य देशों की तुलना में उच्चस्तर पर पहुंच सके। अब धीरे-धीरे सामान्य स्थिति भी बनने लगी है। व्यापारी भी अब पहले के भांति काम में जुट गए हैं। पिछले वर्ष लगे लॉकडाउन के दौरान हुए हालातों ने ना सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं को बल्कि अर्थव्यवस्था को भी झकझौर दिया था। ऐसे में उद्यमियों को सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की पालना करने के साथ श्रमिकों का ख्याल रखते हुए सुचारू रूप से उद्योग-धंधे भी चलाने हैं। इससे अर्थव्यवस्था में सुधार हो सके और देश उन्नत और समृद्ध बन सके। बिजनेस रेमेडीज ने अर्थव्यवस्था को उच्च स्तर पर लाने के लिए कारोबारी किस तरह से निभाएं भागेदारी? शीर्षक से श्रृंखला शुरू की है। इसमें कुछ प्रश्नों के माध्यम से वर्तमान परिस्थितियों में कारोबारी की सोच को जानने का प्रयास किया गया है। गत दिवस, डायरेक्टर, बुकेट डी चॉकलेट, जयपुर कीदिव्या नंदा से संबंधित विषय में जानकारी हासिल की है।

पिछले दो वर्षों में कारोबार पर क्या प्रभाव पड़ा?
कोरोना महामारी के दौरान पिछले दो वर्षों में व्यवसाय पर काफी प्रभाव पड़ा है। हमने उस समय की नजाकत को देखते हुए अपने व्यवसाय को ऑनलाइन मोड में परिवर्तित कर दिया। पूरी तरह उसे डिजीटल लाइजेशन कर दिया, इसका हमें फायदा मिला। डिमांड लगातार बनी रही। अब मॉडिफाइड लॉकडाउन के बाद व्यवसाय को ऑफलाइन मोड पर ले आए हैं, इससे दोनों तरफ से अच्छा रेस्पॉन्स मिल रहा है। ऑफलाइन में ग्राहकों की संतुष्टि भी पूरी तरह से मिल रही है। व्यवसाय निरंतर बढ़ रहा है, आने वाले समय में और गति पकड़ सकेगा।
वर्तमान स्थितियों में आपके व्यवसाय के रॉ मैटेरियल मेंं क्या इजाफा हुआ है?
व्यवसाय के रॉ मैटेरियल की दरों में काफी बढ़ोतरी हुई है। रूस-यूक्रेन वार से पाम ऑयल की रेटें काफी बढ़ चुकी है। इसके अलावा अन्य रॉ मैटेरियल की दरों में भी करीब 70 से 78 फीसदी तक इजाफा हुआ है। पर हमने मार्केट की डिमांड को देखते हुए उस अनुपात में तैयार माल की कॉस्ट में बढ़ोतरी नहीं की है। हमने खर्चे निकालकर अपने मुनाफे में कमी की है, ताकि अपने ग्राहकों से जुड़े रहे।
देश की अर्थव्यवस्था और अपने व्यवसाय को उच्च स्तर पर लाने के लिए क्या प्लानिंग होनी चाहिए?
देश की अर्थव्यवस्था को उच्च स्तर पर लाने के लिए सरकार अपने स्तर पर छोटे और मझौले उद्योग धंधों के व्यवसाईयों को सब्सिडी देकर सराहनीय कार्य कर रही है। ऐसे में उद्यमियों को इसका उपयोग कर बेहतरी के लिए नए तरीके से व्यवसाय को गति प्रदान करनी चाहिए। इसके अलावा व्यवसाईयों को समय की परिस्थिति में ढल कर अपने व्यवसाय को मोड देना चाहिए, ताकि व्यवसाय में गतिशीलता बनी रहे। जैसा कि कोरोना महामारी के समय कई उद्यमियों ने अपने व्यवसाय को ऑनलाइन मोड पर परिवर्तित कर दिया था। इससे उनके माल की निरंतता मार्केट में बनी रही और व्यवसाय को गति मिल सकी। हैं।
प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के घोषित वाक्य को किस तरह से परिणीत करेंगे?
प्रधानमंत्री मोदी जी का मेक इन इंडिया का विजन तो अच्छा है, पर इसकी क्रियान्विति होनी चाहिए। अगर ऐसा होता है तो हरेक वर्ग को इसका सीधा फायदा मिल सकेगा। अगर देश में ही ज्यादा से ज्यादा कच्चे माल की यूनिटें होगी तो व्यवसाईयों को महंगे दामों में बाहर से नहीं खरीदनी पड़ेगी। इसके अलावा युवा वर्ग के लिए रोजगार के अवसर सृजन होंगे तथा देश की अर्थव्यवस्था भी उच्च स्तर पर पहुंच सकेगी।
कारोबार में फिलहाल क्या दिक्कतें आ रही है?
व्यवसाय उत्तरोतर निरंतर आगे बढ़ रहा है। फिलहाल ऐसी कोई दिक्कत नहीं आ रही है। अगर पाम ऑयल की रेटों की दरों को कम कर दे तो व्यवसाय और गति पकड़ सकेगा।
वर्तमान परिस्थितियों में सुधार के लिए आपकी सरकार से क्या अपेक्षाएं हैं?
सरकार से हमारी यही अपेक्षाएं है कि वह पैट्रोल की दरों को कम कर बढ़ती महंगाई पर अंकुश लगाए,जिससे हरेक व्यवसाई अपने व्यापार को बढ़ा सके।

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