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76 प्रतिशत नर्सिंग स्टाफ पीठ दर्द से पीडि़त और अन्य मस्क्यूलोस्केटेल विकारों से पीडि़त : गोदरेज इंटेरियो सर्वेक्षण का खुलासा

by Business Remedies
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बिजऩेस रेमेडीज/मुंबई
गोदरेज एंड बॉयस, जो गोदरेज ग्रुप की प्रतिष्ठित कंपनी है, ने घोषणा की कि इसके बिजनेस गोदरेज इंटेरियो ने आज आधुनिक स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्रों के लिए इंटेलिजेंट सेंस बेड – क्रिसलिस नोवा एक्टिव को लॉन्च किया। हॉस्पिटल बेड्स की इस नयी क्रिसलिस रेंज के शामिल किये जाने के साथ, गोदरेज इंटेरियो मरीजों की सुरक्षा की आवश्यकता और केयरगिवर्स के कल्याण की जरूरत का ख्याल रख रहा है। इस बेड को लैटरल टिल्ट फीचर के साथ लॉन्च किया गया है, जिसे डिजिटल टच अटेंडेंट कंट्रोल पैनल के जरिए एक्सेस किया जा सकता है। इसके अलावा, इसमें कई अन्य खूबियां भी मौजूद हैं।
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान, स्वास्थ्य देखभाल अवसंरचना के अभाव का भारी खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ा। इसके चलते नर्सेज और केयरगिवर्स को भी काफी परेशानी उठानी पड़ी। इसने शारीरिक मेहनत को काफी हद तक बढ़ा दिया और इसका सबसे अधिक प्रभाव विशेष तौर पर देखने को मिला जब रोगियों की संख्या बहुत अधिक बढ़ गयी और नर्सेज को लंबे शिफ्ट्स में काम करना पड़ा और इसके चलते दीर्घकालिक मस्क्यूस्केलेटल विकार विकसित होने की संभावना बढ़ सकती है। गोदरेज इंटेरियो के वर्कस्पेस एंड अर्गोनॉमिक्स रिसर्च सेल द्वारा महामारी के दौरान कराये गये एक शोध अध्ययन के अनुसार, इस कठोर कार्य परिवेश और कार्य संस्कृति के चलते 76 प्रतिशत नर्सिंग स्टाफ में पीठ दर्द और अन्य मस्क्यूलर स्केलेटल विकारों की परेशानी बढ़ गयी। आगे, जहां तक मरीजों का संबंध है, आईसीयू वार्ड्स में लंबे समय तक रहने के चलते बेड सोर्स एवं अन्य त्वचा रोगों की समस्याएं बढ़ सकती हैं।
लंबे समय तक देखभाल करने के अलावा, केयरगिवर्स के रूप में उनका कार्य भी काफी शारीरिक हो सकता है। उन्हें मरीजों को पलटना पड़ता है, ताकि उन्हें बेड सोर्स न हो, या फिर उन्हें एक बेड से दूसरे बेड पर हटाना पड़ता है। यदि किसी मरीज को आईसीयू या किसी अन्य वार्ड में स्थानांतरित करना होता है, तो नर्सेज को उन्हें शारीरिक रूप से वहां से हटाना पड़ता है। यदि इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड कर दिया जाये, तो उनकी यह मेहनत काफी हद तक घट सकती है। इसी कारण, भारत की कंपनियां आज आधुनिक डिजाइन वाले एवं आसान उपयोग वाले अस्पताल बेड्स तैयार कर रही हैं जिससे रोगियों से लेकर केयरगिवर्स को कम से कम शारीरिक मेहनत करनी पड़े।
इस समस्या के हल के रूप में, अस्पतालों के बेड्स जैसे कि गोदरेज इंटेरियो के क्रिसलिस नोवा एक्टिव, इंटेलिजेंट टेक्नोलॉजी से सुसज्जित होते हैं जो बेड की ओवरऑल पोजिशनिंग में सहायता पहुंचाते हैं, लैटरल टिल्ट फंक्शन को आसान बनाते हैं जो कि डिजिटल टच अटेंडेंट कंट्रोल पैनल द्वारा असेसिबल है। इस तरह की टेक्नोलॉजी से अस्पतालों को प्रभावी तरीके से उनके समय एवं इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रबंधित करने में मदद मिलती है और वो अधिक संख्या में मरीजों को उपचार प्रदान कर पाते हैं।
गोदरेज इंटेरियो के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, अनिल माथुर ने कहा कि गोदरेज इंटेरियो का मिशन हर रोज और हर जगह जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। भारतीय हेल्थकेयर सेक्टर के कवरेज की बढ़ती मजबूती, सेवाओं, और सार्वजनिक एवं प्राइवेट प्लेयर्स द्वारा किये जा रहे अधिक खर्च के चलते यह तेज गति से बढ़ रहा है। हालांकि, इसमें इस प्रकार के आरोग्यकारी वातावरण का अभाव है जहां विशेष तौर पर गहन देखभाल वाले क्षेत्रों जैसे कि आईसीसीयू, आईसीयू में केयरटेकर्स द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों को दूर करते हुए रोगियों के अधिकतम आराम एवं उनकी सुरक्षा पर जोर दिया जा सके। गोदरेज इंटेरियो में, हम लगातार ऐसे नवाचार करते रहते हैं जिनसे हेल्थकेयर इंडस्ट्री द्वारा सामना की जाने वाली विशिष्ट चुनौतियों का समाधान हो और क्रिसलिस नोवा एक्टिव इसका सबूत है।

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