बिजऩेस रेमेडीज/नई दिल्ली
तकनीकी क्षेत्र के प्रति समर्पित भारत के सबसे तेजी से बढ़ते बहुक्षेत्रीय शैक्षणिक संस्थानों में से एक महिन्द्रा युनिवर्सिटी हैदराबाद के इकोलसेंट्रल स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग ने पांच नए अंतरक्षेत्रीय एमटेक कार्यक्रमों की आज घोषणा की। इन फ्यूचर रेडी एमटेक कार्यक्रमों में सीएसई, डेटा साइंस और एआई, एंबेडेड सिस्टम्स एवं वीएलएसआई, सिस्टम्स इंजीनियरिंग और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं जो मौजूदा एमटेक कार्यक्रमों-एमटेक इन ए-ईवी (ऑटोनमस इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) और एमटेक इन कंप्यूटर एडेड स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग (केस) के साथ होंगे।
इन कार्यक्रमों का लक्ष्य सभी प्रासंगिक नयी पीढ़ी के प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में लोगों को दक्ष बनाना है जिससे उभरती प्रौद्योगिकियों को व्यापक स्तर पर अपनाया जा सके। पार्ठ्यक्रम को इस तरह से डिजाइन किया गया है जिससे सिस्टम्स की समझ और प्रबंधन से इंजीनियरिंग का लाइफ साइकल मैनेजमेंट में उपयोग किया जा सके।
नए पार्ठ्यक्रमों को शुरू किए जाने पर महिन्द्रा युनिवर्सिटी के कुलपति डॉक्टर यजुलू मेदुरी ने कहा, पिछले कुछ वर्षों से भारतीय रोजगार बाजार ने एक अलग तरह के बदलाव को महसूस किया है जिसमें प्रौद्योगिकी प्रतिभा की जरूरत देखी गई। तेजी से बढ़ते डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी प्रतिभाओं की बढ़ती मांग को देखते हुए भारत में वर्ष 2026 तक 14-19 लाख टेक्नोलॉजी पेशेवरों की कमी रहने का अनुमान है। नयी पीढ़ी के इन एमटेक कार्यक्रमों को शुरू करने के पीछे हमारा विजन हमारे विद्यार्थियों को शानदार कौशल प्रदान करते हुए उन्हें अपने वर्ग में सर्वोत्तम शिक्षा देकर प्रतिभा की इस मांग और आपूर्ति के अंतर को खत्म करना है।
पिछले कुछ वर्षों के दौरान टेक्नोलॉजी उद्योग के भीतर भारत एक इन्नोवेशन लैबोरेटरी के तौर पर उभरा है और मौजूदा जबरदस्त नवप्रवर्तन पारितंत्र के साथ देश की डिजिटल प्रतिभा की फौज भारत के वैश्विक कद को आगामी दशक के दौरान एक प्रौद्योगिकी नेता के तौर पर परिभाषित करेगी।
स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड एकेडमिक्स के डीन प्रोफेसर बिष्णु पी. पाल ने कहा, इन एमटेक प्रोग्राम्स के पीछे का विजन कल के इंजीनियरों को वैश्विक इंजीनियरिंग को अपनाने और आईओटी चुनौतियों से निपटने में मदद कर एवं भारत में आईओटी एवं इंजीनियरिंग के भविष्य को नए सिरे से परिभाषित करने वाली नयी पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों को अपनाने में मदद कर उन्हें तैयार करना है।
इन मास्टर्स प्रोग्राम में प्रवेश के लिए पात्रता मापदंड किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से पूर्णकालिक स्नातक की डिग्री है जिसमें न्यूनतम प्राप्तांक 60 प्रतिशत या इसके समान ग्रेड का हो। अस्सी प्रतिशत या इससे अधिक के गेट स्कोर के साथ सभी आवेदकों को प्रवेश के लिए इंटरव्यू से गुजरना होगा। जिन आवेदकों के गेट स्कोर 80 से कम हैं, उन्हें ईसीएसई-एमयू द्वारा कराए जाने वाली एक लिखित परीक्षा में शामिल होना होगा।
गेट स्कोर के जरिये प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए प्रति वर्ष एक लाख रूपये का अकादमिक शुल्क लिया जाएगा। इन विद्यार्थियों को टीचिंग असिस्टेंटशिप की पेशकश की जाएगी जिसमें प्रति माह 15,000 रूपये का मानदेय और कैंपस के छात्रावास में रहने की सुविधा शामिल है। गेट के माध्यम से प्रवेश नहीं लेने वाले विद्यार्थियों के लिए प्रति वर्ष एक लाख रूपये का अकादमिक शुल्क होगा और दो लाख रूपये प्रति वर्ष छात्रावास शुल्क होगा जिसमें बोडिंग एवं लॉजिंग शामिल है।